Govardhan Puja 2022: गोवर्धन पूजा के शुभ मुहूर्त की कुल अवधि 02 घंटे 14 मिनट, जानें पूजा विधि, महत्व और कथा
– गोवर्धन पूजा के दिन घरों में गोवर्धन पर्वत बना लें. – उसके आस पास गाय, बछरे आदि को लाकर उसपर चढ़ाया जाता है. हालांकि शहर में ये परंपरा चात्म हो रही है. गोधन नहीं होने की वजह से. – फिर उस गोबर की पूजा की जाती है. उस पर मूली, मिठाई, पूरी का भोग लगाया जाता है.
पूजा करने की विधि
Govardhan Puja Time: इस साल गोवर्धन पूजा का पर्व कब मनाया जाएगा, ये सवाल सभी के मन में है, क्योंकि इस दिवाली पर हर तिथि दो दिन पड़ रही है. वहीं 25 अक्टूबर को सुर्य ग्रहण भी है. ऐसे में दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जा सकती है?
Govardhan Puja Importance: परंपरा यही है कि दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन भगवान की पूजा होती है. शास्त्रों के मुताबिक, कार्तिक माह में अमावस्या के दूसरे दिन प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा का महत्व बताया जाता है. इस तरह गोवर्धन पूजा 25 अक्टूबर को होना थी क्योंकि दिवाली 24 अक्टूबर को मनाई जा रही है. हालांकि हर तिथि दो दिन पड़ने की वजह से और 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण लगने की वजह से कल यानी 25 तारीख को गोवर्धन पूजा करना मुश्किल है. आइए जानते हैं गोवर्धन पूजा का मुहूर्त कब है?
पहले आपको बता दें कि कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर गोवर्धन पूजा की जाती है. इस तरीके से 25 अक्टूबर को ये पूजा होनी थी, लेकिन ये प्रतिपदा 25 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 18 मिनट पर शुरू होने वाली है और 26 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 42 मिनट तक चलेगी.
इस साल 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण लग रहा है और ग्रहण के समय सूतक लग जाता है, ऐसे में कोई पूजा नहीं की जाती है. इसलिए 26 अक्टूबर को ही पूजा का मुहूर्त रहेगा.